खुशखबरी: ये सरकार किसानों के लिए बढ़ाने जा रही है उसना चावल के मिलों की सँख्या
बिहार राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशन में बिहार में कृषि विकास का चतुर्थ प्रारूप निर्धारित किया जा रहा है। बिहार में उसना या उबला चावल मिलों की तादात में वृद्धि की जाएगी। इसको लेकर एक दिन पूर्व ही बिहार राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिए हैं कि बिहार में कृषि उत्थान का चौथा प्रारूप भी प्रबंधित किया जाय। भारत एक कृषि प्रधान देश है, कृषि भारत की रीढ़ की हड्डी है। भारत की कोई भी राज्य सरकार हमेशा कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। दूसरी तरफ बिहार सरकार ने भी बिहार में कृषि उन्नति का प्रारूप बड़े स्तर पर खींचना प्रारंभ कर दिया है। प्रदेश में चौथे कृषि प्रारूप का कार्य किया जा रहा है, इस दौरान कृषि आश्रित लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करने प्रयास भी बिहार सरकार कर रही है। बिहार में लोग उसना चावल अधिक उपयोग करते हैं। काफी समय से प्रशासनिक स्तर पर उसना चावल मिलों की संख्या में बढ़ोत्तरी की जा रही है। बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा दिये गए निर्देशानुसार समस्त अधिकारी, हर एक जनपद में उसना चावल मिल बढ़ाने का कार्य करेंगे जिससे चावल के उत्पादन में वृद्धि के साथ मिलों एवं उनकी देखरेख उचित प्रकार से हो सके।ये भी पढ़ें: केंद्र द्वारा टूटे चावल को लेकर बड़ा फैसला
बिहार के धान की कितनी एमएसपी है ?
बिहार में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित किया गया है। इस सीजन में धान का एमएसपी रेट २०४० रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। जिला वार धान खरीद की कार्रवाई अलग तरह होगी यानि हर जनपद के लिए धान खरीद का लक्ष्य अलग रखा जाएगा। बतादें कि जिला स्तर के अधिकारी द्वारा धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया जायेगा।बिहार में कितनी प्रतिशत आबादी कृषि पर आश्रित है ?
बिहार में वर्ष २००८ से कृषि के लिए प्रारूप निर्मित किया जा रहा है। राज्य सरकार का उद्देश्य कृषि एवं संबद्ध इलाकों की शीघ्र उन्नति और प्रगति से विकास करना है, बिहार राज्य की ७५ प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। स्टेट गवर्नमेंट हर खेत तक सिंचाई पहुॅचाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है, अधिकारियों का दावा है कि बिहार के हर घर तक बिजली पहुंच गई है।
21-Nov-2022